अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान “अमेरिका फर्स्ट” (America First) नीति को प्राथमिकता दी थी, जिसका मुख्य उद्देश्य अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और नौकरियों को देश में बनाए रखना था। इसके तहत उन्होंने अमेरिकी कंपनियों और व्यापारियों से आग्रह किया कि वे अपने उत्पादन को अमेरिका में ही स्थापित करें। अगर कंपनियां ऐसा नहीं करतीं, तो उन्हें उच्च करों का सामना करना पड़ सकता है।
इस नीति के प्रमुख बिंदु:
1. **विदेशों में उत्पादन का विरोध**: ट्रंप ने विदेशी देशों, खासकर चीन और अन्य एशियाई देशों में उत्पादन स्थापित करने वाली अमेरिकी कंपनियों को चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि यह अमेरिकी श्रमिकों के हितों के खिलाफ है और अमेरिकी नौकरियां विदेशी बाजारों में जा रही हैं।
2. **आयात पर अधिक टैरिफ**: ट्रंप प्रशासन ने कई विदेशी उत्पादों पर भारी टैरिफ (आयात कर) लगाया, ताकि विदेशी उत्पाद महंगे हो जाएं और अमेरिकी उपभोक्ता घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता दें। उदाहरण के लिए, उन्होंने स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर भारी शुल्क लगाया।
3. **कंपनियों को प्रोत्साहन**: ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए करों में कटौती और सब्सिडी देने की बात भी की थी। इसका उद्देश्य था कि कंपनियां अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को अमेरिका में स्थानांतरित करें और स्थानीय श्रमिकों को रोजगार दें।
4. **टेक्नोलॉजी और ट्रेड वार**: ट्रंप प्रशासन ने तकनीकी चोरी और अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, विशेषकर चीन के प्रति। उन्होंने अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध (Trade War) को बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप कई वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाए गए।
5. **आर्थिक राष्ट्रवाद**: ट्रंप की यह पहल आर्थिक राष्ट्रवाद पर आधारित थी, जिसका उद्देश्य अमेरिका को एक मजबूत औद्योगिक और आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करना था।
प्रभाव:
- **अमेरिकी कंपनियों पर दबाव**: ट्रंप की इस नीति के चलते कई बड़ी कंपनियों ने अपने उत्पादन को अमेरिका में स्थानांतरित करने पर विचार किया। हालांकि, इस कदम से कंपनियों को लागत बढ़ने का सामना करना पड़ा।
- **वैश्विक व्यापार में अस्थिरता**: ट्रंप की नीतियों के कारण अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापार संबंधों में तनाव पैदा हुआ। विशेष रूप से चीन के साथ व्यापार युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया।
- **राजनीतिक और आर्थिक प्रतिक्रिया**: अमेरिकी व्यापारियों और अन्य देशों ने इस नीति की आलोचना की, क्योंकि इससे वैश्विक व्यापार प्रणाली पर दबाव पड़ा।
डोनाल्ड ट्रंप की यह नीति उनके समर्थकों के बीच लोकप्रिय थी, क्योंकि उन्होंने इसे अमेरिका के श्रमिकों और उद्योगों की रक्षा के लिए जरूरी बताया। हालांकि, इसके दीर्घकालिक प्रभावों को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं थीं।