परिचय
बीजिंग में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में चीन और रूस ने ईरान पर लगे अमरीकी प्रतिबंधों को हटाने और परमाणु वार्ता को फिर से शुरू करने का आह्वान किया। तीनों देशों ने संयुक्त रूप से इन प्रतिबंधों को गैरकानूनी और एकतरफा करार दिया, साथ ही कूटनीतिक हल निकालने पर जोर दिया।
बैठक के मुख्य बिंदु
- चीन, रूस और ईरान के प्रतिनिधियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि इस समस्या का समाधान केवल राजनीतिक और कूटनीतिक वार्ता से ही संभव है।
- चीन के उप विदेश मंत्री मा झाओक्सू, रूस के उप विदेश मंत्री रयाबकोव सर्गेई एलेक्सीविच, और ईरान के उप विदेश मंत्री काज़ेम ग़रीबाबादी ने इस बैठक में भाग लिया।
- वार्ता के दौरान, अमरीका के लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने और वार्ता प्रक्रिया को फिर से बहाल करने पर विशेष रूप से जोर दिया गया।
इस वार्ता का महत्व
- ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नियंत्रण – इस वार्ता से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को संतुलित करने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को दूर करने में मदद मिल सकती है।
- कूटनीतिक समाधान की संभावना – चीन, रूस और ईरान वार्ता के माध्यम से इस मुद्दे को हल करने के पक्षधर हैं, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा मिल सकता है।
- अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर प्रभाव – यह वार्ता ईरान और अमरीका के बीच संबंधों में सुधार ला सकती है और पश्चिमी देशों के साथ नए संवाद का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
निष्कर्ष
चीन, रूस और ईरान के बीच हुई यह बैठक वैश्विक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अमरीका इस पहल पर कैसी प्रतिक्रिया देता है और क्या यह वार्ता व्यावहारिक परिणाम ला सकेगी।
