संसद ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 पारित किया: क्या हैं इसके प्रमुख प्रावधान?

 


परिचय

भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 को संसद में पारित कर दिया है। इस विधेयक को पहले लोकसभा में दिसंबर 2023 में मंजूरी दी गई थी और अब राज्यसभा से भी इसे स्वीकृति मिल गई है। यह विधेयक आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में संशोधन करता है और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) तथा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के कार्यों को अधिक संगठित व प्रभावी बनाने का प्रावधान करता है।


विधेयक के मुख्य प्रावधान

  1. राष्ट्रीय और राज्य आपदा योजना की तैयारी

    • अब NDMA और SDMA को राष्ट्रीय कार्यकारी समिति और राज्य कार्यकारी समिति के बजाय राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा योजना तैयार करने का अधिकार होगा।

  2. शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

    • राज्यों को यह अधिकार दिया गया है कि वे राजधानी और नगर निगम वाले शहरों में एक अलग शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गठित करें।

  3. राष्ट्रीय और राज्य आपदा डेटाबेस

    • देश में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा डेटाबेस बनाने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे आपदाओं से संबंधित सूचनाओं को वास्तविक समय (Real-Time) में अपडेट किया जा सके।

  4. केंद्र और राज्यों की भूमिका

    • गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि यह विधेयक आपदा जोखिम को कम करने और प्रतिक्रिया प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए लाया गया है।

    • मैनुअल निगरानी से हटकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित निगरानी प्रणाली की ओर बढ़ने की योजना है।

    • विधेयक जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को अधिक शक्तियां प्रदान करता है।


विपक्ष की आपत्तियाँ और सरकार का पक्ष

विपक्ष की आलोचना:

  • कांग्रेस नेता नीरज डांगी ने सवाल उठाया कि विधेयक में पीएम केयर्स फंड या उसके उपयोग पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।

  • तृणमूल कांग्रेस (TMC) की रीताब्रत बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों का आपदा राहत कोष रोक रही है

  • सीपीआई-एम (CPI-M) के ए.ए. रहीम ने कहा कि केंद्र सरकार आपदाओं से प्रभावित राज्यों को पर्याप्त धनराशि नहीं दे रही

सरकार का पक्ष:

  • भाजपा नेता बृजलाल ने कहा कि आपदा प्रबंधन की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है और केंद्र सरकार इस दिशा में हरसंभव मदद कर रही है।

  • एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल ने सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम हर स्तर पर आपदा तैयारियों को मजबूत करेगा

  • एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) बटालियन की स्थापना को आपदा राहत प्रयासों का अहम कदम बताया गया।


भविष्य की योजनाएँ

  • सरकार बहुआयामी प्रतिक्रिया प्रणाली (Multi-Dimensional Response System) को अपनाने पर जोर दे रही है।

  • AI आधारित आपदा पूर्वानुमान प्रणाली को विकसित किया जाएगा।

  • तेज राहत और बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय बढ़ाने की योजना बनाई गई है।


निष्कर्ष

यह विधेयक आपदा प्रबंधन को अधिक प्रभावी और तकनीक-सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्य बातें संक्षेप में:

  • NDMA और SDMA को आपदा योजना तैयार करने का अधिकार।

  • राज्य सरकारें शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थापित कर सकती हैं।

  • राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा डेटाबेस तैयार होगा।

  • मैनुअल निगरानी की जगह AI आधारित रियल टाइम मॉनिटरिंग।

  • केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय को बढ़ावा मिलेगा।

यह विधेयक देश को आपदाओं से निपटने के लिए अधिक मजबूत, संगठित और तकनीकी रूप से उन्नत बनाएगा।

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