✨ परिचय:
2026 से उत्तर प्रदेश में एक नई परंपरा शुरू होने जा रही है - 'एक तिथि, एक त्योहार'। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर काशी विद्वत परिषद ने इस पंचांग को तैयार करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसका उद्देश्य प्रदेश के विभिन्न पंचांगों में मौजूद मतभेदों को समाप्त करना और सभी व्रत-त्योहारों को एकरूपता प्रदान करना है।
✨ क्या है 'एक तिथि, एक त्योहार' पंचांग?
प्रदेश में त्योहारों और व्रतों की तिथियों को लेकर अक्सर भ्रम की स्थिति बनती है। कई पंचांग अलग-अलग तिथियों पर त्योहार दर्शाते हैं, जिससे समाज में असमंजस की स्थिति पैदा होती है। 2026 में प्रकाशित होने वाले इस नए पंचांग के अनुसार पूरे प्रदेश में एक ही तिथि को त्योहार मनाया जाएगा। यह निर्णय प्रमुख पंचांगकारों की सहमति से लिया गया है।
✨ मुख्य विशेषताएँ:
✔️ प्रदेश में एक ही दिन त्योहारों का आयोजन होगा।
✔️ छुट्टियों का निर्धारण भी इसी पंचांग के अनुसार किया जाएगा।
✔️ पंचांग की गणना में काशी के विद्वानों और प्रमुख पंचांगकारों का सहयोग।
✔️ 2026 के नवसंवत्सर पर इसका आधिकारिक प्रकाशन होगा।
✔️ अन्नपूर्णा मठ मंदिर इसकी प्रकाशन प्रक्रिया को पूरा करेगा।
✨ त्योहारों में नहीं रहेगा मतभेद
अब प्रदेश में प्रमुख त्योहारों की तिथियों में अंतर नहीं होगा, जैसे:
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रामनवमी
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रक्षाबंधन
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जन्माष्टमी
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दीपावली
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विजयादशमी
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होली
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महाशिवरात्रि
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कार्तिक पूर्णिमा
इन सभी त्योहारों की तिथियों को पूरे प्रदेश में एक समान रखने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा और भ्रम की स्थिति समाप्त होगी।
✨ कैसे तैयार हुआ यह पंचांग?
काशी हिंदू विश्वविद्यालय और काशी विद्वत परिषद के ज्योतिषविदों ने इस पंचांग को तैयार करने के लिए तीन वर्षों तक शोध कार्य किया। इसमें विभिन्न पंचांगों जैसे:
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बीएचयू विश्वपंचांग
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गणेश आपा पंचांग
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आदित्य पंचांग
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महावीर पंचांग का अध्ययन किया गया और अंततः एकरूपता स्थापित की गई।
✨ समाज में क्या होगा प्रभाव?
🔹 समाज में त्योहारों की तिथियों को लेकर उत्पन्न भ्रम समाप्त होगा।
🔹 सभी मंदिरों और धार्मिक संगठनों को एक समान पंचांग का अनुसरण करना होगा।
🔹 सरकारी अवकाश और प्रशासनिक निर्णयों में स्पष्टता आएगी।
🔹 यह निर्णय धार्मिक और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा देगा।
✨ विशेषज्ञों की राय
बीएचयू ज्योतिष विभाग के प्रो. विनय पांडेय के अनुसार, "यह निर्णय धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। पंचांगों में मतभेद के कारण समाज में भ्रम की स्थिति बनी रहती थी, जो अब समाप्त हो जाएगी।"
✨ अंतिम शब्द
उत्तर प्रदेश में 2026 से 'एक तिथि, एक त्योहार' पंचांग लागू होने से धार्मिक और सामाजिक स्तर पर एकरूपता आएगी। इससे सभी नागरिक एक साथ मिलकर त्योहार मना सकेंगे और इससे संस्कृति और परंपरा को और अधिक मजबूती मिलेगी।
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