भूमिका
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए सतत और समावेशी विकास के लिए संसाधनों के कुशल एवं निष्पक्ष प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि देश की आर्थिक और सामाजिक संरचना पारदर्शी तरीके से विकसित हो।
सतत और समावेशी विकास की आवश्यकता
1. संसाधनों का कुशल प्रबंधन
- भारत एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है, जहाँ संसाधनों का सही उपयोग देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कर प्रणाली का सशक्तिकरण और सरकारी राजस्व का उचित प्रबंधन आवश्यक है।
- वित्तीय संसाधनों का समुचित उपयोग करके विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं को मजबूती दी जा सकती है।
2. बुनियादी ढांचे और डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार
- भारत में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास हो रहा है। सड़क, रेल, और हवाई सेवाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है।
- डिजिटल इंडिया अभियान के अंतर्गत इंटरनेट की पहुंच को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तक बढ़ाया जा रहा है।
- इससे आर्थिक अवसरों में वृद्धि हो रही है और डिजिटल डिवाइड कम हो रही है।
3. आर्थिक अवसरों की सुलभता
- पहले की तुलना में आज आर्थिक अवसर अधिक व्यापक और सुलभ हैं।
- स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं ने देश में स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया है।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और फिनटेक सेवाओं के माध्यम से छोटे व्यवसायों को आर्थिक सशक्तिकरण प्राप्त हो रहा है।
भारतीय राजस्व सेवा अधिकारियों की भूमिका
1. पारदर्शी और निष्पक्ष कर संग्रहण
- करदाताओं को सुगम और पारदर्शी सेवाएँ प्रदान करने की दिशा में भारतीय राजस्व सेवा अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- ई-गवर्नेंस के माध्यम से कर प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
2. शासन और कल्याणकारी योजनाओं का समर्थन
- भारतीय राजस्व सेवा अधिकारियों का कार्य न केवल सरकार के लिए राजस्व संग्रह करना है बल्कि समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए संसाधन जुटाना भी है।
- उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने कार्य में ईमानदारी, पारदर्शिता और निष्पक्षता को सर्वोपरि रखें।
बदलते समय में नई चुनौतियाँ और समाधान
1. टेक्नोलॉजी और नवाचार की भूमिका
- तकनीकी विकास के चलते कर प्रणाली में भी बदलाव की आवश्यकता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर कर धोखाधड़ी की घटनाओं को रोका जा सकता है।
2. अधिक दक्षता और पारदर्शिता
- राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की नई पहलों ने प्रशासन को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाया है।
- ई-फाइलिंग, जीएसटी पोर्टल और डिजिटल भुगतान जैसी सुविधाओं ने करदाताओं के लिए प्रक्रिया को सरल बनाया है।
निष्कर्ष
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय राजस्व सेवा अधिकारियों को प्रेरित किया कि वे अपने कार्य को राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान के रूप में देखें। संसाधनों के कुशल और निष्पक्ष प्रबंधन से देश में आर्थिक स्थिरता और सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे में सुधार, और पारदर्शी शासन के माध्यम से भारत सतत विकास की ओर अग्रसर है।
अगला कदम
👉 इस लेख को साझा करें और अपने विचार नीचे कमेंट में लिखें। 👉 आर्थिक नीतियों और सरकारी पहलों पर और जानकारी के लिए हमारे अन्य लेख पढ़ें।