मामले की पृष्ठभूमि
जयपुर पुलिस ने हाल ही में महाकुंभ फेम आईआईटी बाबा उर्फ अभय सिंह को हिरासत में लिया था। पुलिस ने दावा किया कि बाबा के पास से गांजा (मारिजुआना) बरामद किया गया, जिसके चलते उनके खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। हालाँकि, कुछ ही देर बाद बाबा को जमानत मिल गई और उन्होंने मीडिया के सामने कई खुलासे किए।
मामले का घटनाक्रम
- जयपुर पुलिस को सूचना मिली थी कि आईआईटी बाबा ने सोशल मीडिया पर आत्महत्या करने संबंधी संदेश लिखा है।
- पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जयपुर के एक होटल में दबिश दी।
- पुलिस को बाबा के पास से 1.5 ग्राम गांजा मिला।
- इसके बाद बाबा को हिरासत में लिया गया और NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
- कुछ ही देर बाद बाबा को जमानत मिल गई।
बाबा के मीडिया के सामने खुलासे
बाबा ने मीडिया के सामने आकर कहा:
- "सुसाइड वाली और डिटेन वाली खबरें फेक हैं।"
- "गांजा वाला मामला भी इतना बड़ा नहीं था, इसलिए तुरंत जमानत मिल गई।"
- बाबा ने स्वीकार किया कि वे पहले भी खुलेआम गांजा पीते थे और इसे ‘प्रसाद’ मानते हैं।
- उन्होंने पुलिस को मजाक में कहा था कि अगर भांग लीगल है तो वही लाकर दे दो।
बर्थडे सेलिब्रेशन और विवाद
- हिरासत से छूटने के बाद बाबा ने अपने बर्थडे का केक काटा और सिगरेट के कश लगाते हुए मीडिया से बात की।
- उनके साथ मौजूद महिलाओं ने भी मीडिया के सवालों के जवाब दिए और बाबा का समर्थन किया।
- महिलाओं ने कहा कि बाबा ने कोई गलत काम नहीं किया और मामला ज्यादा बड़ा नहीं है।
पुलिस का पक्ष
शिप्रा पथ थाना प्रभारी राजेंद्र गोदारा ने बताया कि:
- बाबा के पास बहुत कम मात्रा में गांजा पाया गया, इसलिए उन्हें तुरंत जमानत मिल गई।
- पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि सुसाइड वाली खबर के कारण होटल में दबिश दी गई थी।
- बाबा के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है, लेकिन वह अभी रिहा हैं।
क्या है NDPS एक्ट?
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट भारत में मादक पदार्थों के नियंत्रण के लिए लागू किया गया कानून है। इसके तहत:
- व्यक्तिगत उपभोग के लिए कम मात्रा में नशीले पदार्थ रखने पर कम सजा का प्रावधान है।
- व्यापार या तस्करी के उद्देश्य से ड्रग्स रखने पर कठोर सजा दी जाती है।
- गांजा या अन्य नशीले पदार्थों के मामले में कब गिरफ्तारी होगी और कब जमानत मिलेगी, यह जब्त की गई मात्रा पर निर्भर करता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
- बाबा के फॉलोअर्स ने सोशल मीडिया पर पुलिस कार्रवाई की मिश्रित प्रतिक्रिया दी।
- कुछ लोगों ने पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराया, जबकि कुछ ने इसे अनावश्यक बताया।
- बाबा के बर्थडे सेलिब्रेशन के वीडियो तेजी से वायरल हो गए।
निष्कर्ष
आईआईटी बाबा का मामला यह दिखाता है कि सोशल मीडिया पर डाली गई एक पोस्ट किस तरह कानूनी जटिलताओं को जन्म दे सकती है। हालाँकि, बाबा को तुरंत जमानत मिल गई, लेकिन उनके खिलाफ मामला दर्ज है। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि सोशल मीडिया पर किसी भी पोस्ट को सोच-समझकर लिखना चाहिए, क्योंकि इसका कानूनी असर हो सकता है।
आपका क्या कहना है? क्या आपको लगता है कि पुलिस ने सही कदम उठाया या यह ज्यादा तूल दिया गया मामला था? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!